गीत(हल्की-हल्की ठंड)

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गीत(हल्की-हल्की ठंड) हल्की-हल्की ठंड लिए ऋतु, आई शरद सुहावन है। निर्मल-नीला अंबर ऊपर- शीतल शशि मन-भावन है।। विविध गुलाबों की सुगंध सँग खिली रात की रानी भी। कास-पुष्प की कहे धवलिमा, ...

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